
Dr. B.R. Ambedkar Biography: Age, Caste, Education, Contributions & More.
जब भी भारत में सामाजिक न्याय, समान अधिकारों, और मानव गरिमा की बात होती है, तो सबसे पहले जो नाम हमारे मन में उभरता है, वह है — डॉ. भीमराव अंबेडकर| वे सिर्फ एक विधिवेत्ता या संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि करोड़ों शोषित, वंचित और उपेक्षित लोगों के लिए आशा की किरण, संघर्ष की मिसाल, और परिवर्तन की प्रेरणा थे|
डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को अपना हथियार बनाया, विचारों को अपनी ताकत, और संघर्ष को अपनी राह| उन्होंने ना केवल इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सोचने और जीने के तरीके को भी हमेशा के लिए बदल दिया|
उनकी कहानी सिर्फ अतीत की नहीं है — वो आज भी हर उस इंसान की आवाज़ है जो समानता, अधिकार और सम्मान के लिए खड़ा होता हैं|
“शिक्षा, संघर्ष और संविधान — यही है डॉ. अंबेडकर की पहचान”
Name ( नाम ) | डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar) |
Age ( उम्र ) | 65 वर्ष (65 Years) |
Birthdate ( जन्मतिथि ) | 14 अप्रैल 1891 (14 April 1891) |
Birthplace ( जन्मस्थान ) | महू, मध्यप्रदेश, भारत (Mhow, Madhya Pradesh, India) |
Nationality ( राष्ट्रीयता ) | भारतीय (Indian) |
Occupation ( पेशा ) | विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, लेखक (Jurist, Politician, Social Reformer, Writer) |
Education ( शिक्षा ) | एल्फिंस्टन कॉलेज, बॉम्बे विश्वविद्यालय, कोलंबिया विश्वविद्यालय (PhD), लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (DSc) |
Political Debue ( राजनीतिक शुरुआत ) | 1936 – स्वतंत्र मजदूर दल (Independent Labour Party) की स्थापना |
Hobby ( शौक ) | पढ़ना, लेखन, अध्ययन, सामाजिक सुधार (Reading, Writing, Studying, Social Reform) |
Relationship ( सबंध ) | रमाबाई अंबेडकर (प्रथम पत्नी), सविता अंबेडकर (द्वितीय पत्नी) |
1: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर जन्म, बचपन|
2: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर माता पिता भाई बहन|
3: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर पढ़ाई, स्कूल, कॉलेज|
4: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर व्यवसाय (काम)|
5: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर रंग रूप, लम्बाई|
6: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर राजनीतिक शुरुआत|
7: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर नेट वर्थ|
8:डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर सम्मान और पुरस्कार|
1.डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर जन्म, बचपन| Dr. Bheemrao Ramji Ambedkar Birth.
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू नामक सैन्य छावनी क्षेत्र में हुआ था| वे एक गरीब महार जाति के परिवार में जन्मे, जिसे उस समय ‘अछूत’ माना जाता था| उनके पिता रामजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे, लेकिन जातिगत भेदभाव उनके परिवार का पीछा नहीं छोड़ता था|
बचपन से ही अंबेडकर ने सामाजिक भेदभाव और अपमान का सामना किया| स्कूल में उन्हें बाकी बच्चों से अलग बैठाया जाता था, पीने के लिए पानी तक छूने नहीं दिया जाता था| लेकिन इन कठिनाइयों ने उनके अंदर शिक्षा पाने और समाज को बदलने का ज़ज्बा और भी प्रबल कर दिया|
उनके पिता ने शिक्षा का महत्व उन्हें बचपन से ही समझाया, और भीमराव ने उस विश्वास को कभी टूटने नहीं दिया|
उन्होंने पढ़ाई को अपना हथियार बनाया और ठान लिया कि एक दिन वे उस व्यवस्था को बदलेंगे जो इंसानों को जाति के आधार पर बांटती हैं|
2. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर माता पिता भाई बहन| Dr. Bheemrao Ramji Ambedkar Mother, Father, Sister, Brother.
माता का नाम ( Mother ‘s Name ) – भीमाबाई सकपाल (Bhimabai Sakpal)
पिता का नाम ( Father ‘s Name ) – रामजी मालोजी सकपाल (Ramji Maloji Sakpal)
भाई का नाम ( Brother ‘s Name ) – बालकृष्ण अंबेडकर (Balkrishan Ambedkar)
आनंदराव अंबेडकर (Anandrao Ambedkar)
पहली पत्नी का नाम ( First Wife’s Name) – रमाबाई अंबेडकर (Ramabai Ambedkar)
दूसरी पत्नी का नाम ( Second Wife’s Name)- सविता अंबेडकर (Savita Ambedkar)
3. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर पढ़ाई, स्कूल, कॉलेज| Bheemrao Ramji Ambedkar Education, School, College.
डॉ. भीमराव अंबेडकर की शिक्षा का रास्ता कभी आसान नहीं रहा, लेकिन उनके सपनों और संकल्पों ने हर रुकावट को पार कर लिया|
प्रारंभिक शिक्षा-
भीमराव अंबेडकर ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई बॉम्बे (अब मुंबई) के गवर्नमेंट हाई स्कूल से पूरी की| स्कूल में उनके साथ भेदभाव होता था — उन्हें अलग बैठाया जाता, पानी पीने की अनुमति नहीं होती, और शिक्षकों का व्यवहार भी उपेक्षित था| मगर इन हालातों ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बना दिया|
कॉलेज की पढ़ाई-
1907 में, उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज, मुंबई से प्रवेश लिया — और वे अपनी जाति से कॉलेज में दाखिला पाने वाले पहले छात्र बने| यह उनके जीवन का ऐतिहासिक मोड़ था|
विदेश में उच्च शिक्षा-
उनकी बुद्धिमत्ता और मेहनत देखकर बड़ौदा नरेश सयाजीराव गायकवाड़ ने उन्हें स्कॉलरशिप दी, जिससे वे विदेश में पढ़ाई करने गए|
कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क (1913–1916)-
यहाँ उन्होंने M.A. और Ph.D. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं| उनका शोध ‘भारत में प्रांतीय वित्त का विकास’ था, जो बेहद सराहा गया|
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (1916–1923)-
यहाँ उन्होंने D.Sc. (Economics) की उपाधि प्राप्त की, साथ ही ग्रेज़ इन लॉ से कानून की डिग्री (Barrister-at-Law) भी हासिल की|
वे भारत के पहले दलित व्यक्ति थे जिन्होंने विदेश से Ph.D. की डिग्री हासिल की|
उनकी शिक्षा ने उन्हें संविधान निर्माता, आर्थिक चिंतक और सामाजिक सुधारक बनाने की नींव रखी|
शिक्षा का उनके जीवन पर प्रभाव-
डॉ. भीमराव अंबेडकर के लिए शिक्षा सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का सबसे शक्तिशाली हथियार थी| उन्होंने अपने जीवन के हर संघर्ष में शिक्षा को ढाल बनाकर इस्तेमाल किया|
बचपन में जब समाज ने उन्हें “अछूत” कहकर किनारे कर दिया, तब उन्होंने किताबों को अपना सबसे बड़ा साथी बनाया| स्कूल में भेदभाव सहा, लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी| कॉलेज में अकेलेपन को झेला, लेकिन ज्ञान की रोशनी में आगे बढ़ते रहे|
उनकी शिक्षा ने उन्हें-
अन्याय के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत दी|
तर्क, न्याय और समानता की सोच दी|
भारत का संविधान रचने जैसी ऐतिहासिक जिम्मेदारी उठाने लायक बनाया|
उन्होंने खुद कहा था-
“शिक्षा वो शेरनी का दूध है, जो पिएगा वो दहाड़ेगा”
डॉ. अंबेडकर का मानना था कि यदि समाज के दबे-कुचले वर्गों को सशक्त बनाना है, तो उन्हें शिक्षा से जोड़ना सबसे पहला कदम हैं| यही कारण है कि उन्होंने जीवनभर शिक्षा के अधिकार, समान अवसर और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया|
4. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर व्यवसाय (काम)| Dr. Bheemrao Ramji Ambedkar Career.
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर एक महान विधिवेत्ता (ज्यूरिस्ट), समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, लेखक, शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ थे|
उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई और वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने|
डॉ. अंबेडकर ने जीवन भर दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकार, समानता, और अस्पृश्यता मिटाने के लिए संघर्ष किया|
उन्होंने शिक्षा को समाज सुधार का सबसे बड़ा हथियार माना और सभी वर्गों को शिक्षित करने के लिए कई कदम उठाए|
सन् 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया और लाखों लोगों के साथ सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत की|
वे आज भी सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के प्रतीक माने जाते हैं|
5. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर रंग रूप, लम्बाई| Dr. Bheemrao Ramji Ambedkar Looks & Appearance.
लम्बाई (Height) – 70 किलोग्राम लगभग
वजन (Weight) – 52 kg लगभग
बालों का रंग (Hair Color) – काला (Black)
आंखों का रंग (Eye Color) – काला (Black)
त्वचा का रंग (Skin Tone) – गेहुआ (Wheatish)
पोशाक शैली (Dressing Style) – सादा लेकिन प्रभावशाली, अक्सर सूट-बूट और टाई में दिखाई देते थे|
6. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का सार्वजनिक जीवन और शुरुआत| Dr. B. R. Ambedkar’s Public Life and Early Journey.
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर ने अपना सार्वजनिक जीवन समाज में व्याप्त छुआछूत और जातिगत भेदभाव के खिलाफ संघर्ष से शुरू किया|
उन्होंने शिक्षा को सामाजिक बदलाव का सबसे बड़ा साधन माना और हमेशा कहा — “शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो”
सन् 1924 में उन्होंने बहिष्कृत हितकारिणी सभा (Bahishkrit Hitakarini Sabha) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था दलितों को शिक्षा, सामाजिक न्याय और राजनीतिक अधिकार दिलाना|
इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनमें शामिल हैं-
महाड़ सत्याग्रह (1927) – दलितों को सार्वजनिक जल स्रोत (चावदार तालाब) से पानी पीने का अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन|
नासिक का कालाराम मंदिर आंदोलन (1930)- मंदिरों में दलितों के प्रवेश के अधिकार के लिए संघर्ष|
डॉ. अंबेडकर ने न केवल सामाजिक कार्यों में भाग लिया, बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी कदम रखा| उन्होंने स्वतंत्र श्रमिक पार्टी (1936) और बाद में शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन (1942) की स्थापना की|
सन् 1947 में उन्हें भारत का पहला कानून मंत्री नियुक्त किया गया, और वे भारत के संविधान के मुख्य निर्माता (Chief Architect) बने|
7. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर नेट वर्थ| Dr. Bheemrao Ramji Ambedkar Income & Net Worth.
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन धन-संपत्ति इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि समाज सेवा और समानता की लड़ाई के लिए समर्पित था|
वे ब्रिटिश सरकार से मिले छात्रवृत्तियों के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके और बाद में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे, जैसे-
भारत सरकार में प्रथम कानून मंत्री (1947–1951)
भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष मंडल के प्रमुख सदस्य
राज्यसभा के सदस्य (1952–1956)
उनकी नेट वर्थ को आज की अर्थव्यवस्था के हिसाब से आँकना कठिन है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्होंने जीवन भर सादगी और ईमानदारी से जीवन जिया|
उनकी सबसे बड़ी “सम्पत्ति” था – उनका ज्ञान, उनका विचारधारा, और भारत का संविधान, जिसे उन्होंने देश को समर्पित किया|
8. डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर सम्मान और पुरस्कार| Dr. Bheemrao Ramji Ambedkar Honours and Awards.
डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनके अतुलनीय योगदान के लिए कई सम्मान और उपाधियाँ प्राप्त हुईं| हालाँकि उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत सीमित सरकारी सम्मान स्वीकार किए, लेकिन उनके निधन के बाद उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धांजलियाँ दी गई|
भारत रत्न (1990, मरणोपरांत)-
भारत सरकार ने उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” प्रदान किया| यह उनके संविधान निर्माण, सामाजिक न्याय, और दलित उत्थान में योगदान के लिए दिया गया|
डिग्रियाँ और उपाधियाँ-
उन्हें कई विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट और मानद उपाधियाँ प्रदान कीं|
जैसे – कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स|
स्मारक और संस्थान-
उनके नाम पर कई विश्वविद्यालय, स्मारक, पुस्तकालय और सामाजिक संस्थान स्थापित किए गए हैं — जैसे “डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी”, “भीम जनमभूमि”, और “भीम जयंती” का राष्ट्रीय आयोजन|
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की मृत्यु और विरासत| Death & Legacy.
डॉ. अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुआ| उनका पार्थिव शरीर लाखों अनुयायियों की उपस्थिति में चैत्यभूमि, मुंबई में समाधिस्थ किया गया|
धर्म परिवर्तन-
मृत्यु से कुछ ही समय पहले, 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया और साथ में लगभग 5 लाख अनुयायियों ने भी बौद्ध धर्म अपनाया| यह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी धार्मिक और सामाजिक क्रांतियों में से एक मानी जाती हैं|
विरासत-
वे आज भी दलित आंदोलन के प्रेरणास्रोत, संविधान निर्माता, और समानता के प्रतीक के रूप में पूजे जाते हैं|
उनके विचार, जैसे “जो समाज समानता नहीं जानता, वो समाज कभी न्याय नहीं दे सकता”, आज भी प्रासंगिक हैं|
देश-विदेश में उनकी मूर्तियाँ, विचार मंच, और स्मारक उनकी अमर विरासत को जीवित रखते हैं|
निष्कर्ष:-
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर भारतीय इतिहास के उन महान व्यक्तित्वों में से हैं, जिन्होंने न केवल कानूनी और राजनीतिक क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक और धार्मिक सुधारों में भी गहरा योगदान दिया|
उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया और करोड़ों लोगों को न्याय, समानता और सम्मान दिलाने का मार्ग दिखाया|
डॉ. अंबेडकर का जीवन हमें सिखाता है कि शिक्षा, दृढ़ संकल्प और सत्य के साथ कोई भी सामाजिक बंधनों को तोड़ सकता हैं|
वे केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा, प्रेरणा और परिवर्तन के प्रतीक हैं|
उनकी बनाई हुई संविधान की नींव और उनके द्वारा शुरू की गई बौद्धिक और सामाजिक क्रांति आने वाली पीढ़ियों को न्याय और बराबरी की राह दिखाती रहेगी|