Rabindranath Tagore Biography, Poems, Books, Education, Achievement & More

क्या आपने कभी ऐसे कवि के बारे में सुना है, जिसने अपनी कलम से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया? रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ एक कवि नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज थे| वे पहले भारतीय थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला, और उनकी रचनाएँ आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरित करती हैं|

रवींद्रनाथ टैगोर (1861-1941) केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक लेखक, दार्शनिक, चित्रकार, और महान शिक्षाविद भी थे| उन्होंने “गीतांजलि” नामक काव्य संग्रह के लिए 1913 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से इतिहास रच दिया| उनकी लेखनी में प्रेम, प्रकृति, मानवता और राष्ट्रभक्ति की अद्भुत झलक मिलती है|

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि टैगोर ने भारत और बांग्लादेश, दोनों के राष्ट्रगान लिखे हैं| उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की, जहाँ आज भी कला और शिक्षा का संगम देखने को मिलता है|

“कलम के जादूगर, भारत की पहचान – रवींद्रनाथ टैगोर महान!”

Name ( नाम )रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)
 Age ( उम्र )

80 वर्ष (80 Years)

 Birthdate

( जन्मतिथि ) 

7 मई 1861 (7 May 1861)

Birthplace

( जन्मस्थान ) 

कोलकाता, भारत (Kolkata, India)

  Nationality 

( राष्ट्रीयता )

भारतीय (Indian)

Occupation

( पेशा )

कवि, लेखक, दार्शनिक, चित्रकार, नाटककार, गीतकार (Poet, Writer, Philosopher, Painter, Playwright, Lyricist)

 Education 

( शिक्षा )

प्राइवेट ट्यूटर द्वारा घर पर शिक्षायूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (University College London) (कानून की पढ़ाई की लेकिन पूरी नहीं की)

 

प्रथम रचना (First Composition)

प्रथम प्रकाशित रचना (First Published Work)

अभिलाषा (कविता) Abhilasha (Poem)

 

भिखारिणी (लघु कथा)

Bhikharini (Short Story) 1877

प्रसिद्धि का कारण (Famous For)

गीतांजलि (Gitanjali)

काबुलीवाला (Kabuliwala)

गोरा (Gora)

जन गण मन (Jana Gana Mana) – भारत का राष्ट्रगान

आमार सोनार बांग्ला (Amar Sonar Bangla) – बांग्लादेश का राष्ट्रगान

घरे-बाइरे (Ghare-Baire)

 Relationship

( सबंध )

  विवाहित 

1: रवींद्रनाथ टैगोर जन्म, बचपन|  
2: रवींद्रनाथ टैगोर माता पिता भाई बहन| 
3: रवींद्रनाथ टैगोर पढ़ाई, स्कूल, कॉलेज|
4: रवींद्रनाथ टैगोर व्यवसाय (काम)| 
5: रवींद्रनाथ टैगोर रंग रूप, लम्बाई|

6: रवींद्रनाथ टैगोर पहली रचनाएं|

7: रवींद्रनाथ टैगोर का राष्ट्रगान|

8: रवींद्रनाथ टैगोर का नॉवल पुरस्कार|

9:  रवींद्रनाथ टैगोर की मृत्यु|

10: रवींद्रनाथ टैगोर सोशल मीडिया|

1. रवींद्रनाथ टैगोर जन्म, बचपन| Rawindranath Tagore Birth.

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म  7 मई 1861 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता), ब्रिटिश भारत में हुआ था| वे बंगाल के प्रतिष्ठित ठाकुर परिवार से थे, जो साहित्य, कला और समाज सुधार में अग्रणी भूमिका निभा रहा था|उनके पिता देबेंद्रनाथ टैगोर ब्रह्म समाज के एक प्रमुख विचारक थे, और माता शारदा देवी धार्मिक स्वभाव की महिला थीं|

टैगोर परिवार का माहौल विद्वत्ता और संस्कृति से भरा हुआ था, जिससे रवींद्रनाथ को बचपन से ही साहित्य, संगीत और कला की प्रेरणा मिली|

रवींद्रनाथ टैगोर ने 8 वर्ष की उम्र में कविता लिखना शुरू किया, और 16 वर्ष की उम्र में उनकी पहली लघु कथा “भिखारिणी” प्रकाशित हुई| उनके बचपन की स्वतंत्र सोच और रचनात्मक माहौल ने उन्हें एक महान कवि और लेखक बनने के लिए प्रेरित किया|


2. रवींद्रनाथ टैगोर माता पिता भाई बहन| Rawindranath Tagore Mother, Father, Sister, Brother.

माता का नाम ( Mother ‘s Name )शारदा देवी (Sarada Devi)

 पिता का नाम ( Father ‘s Name )देबेंद्रनाथ टैगोर (Debendranath Tagore)

बहन का नाम ( Sister’s Name )ज्योति (Jyoti)

पत्नी का नाम ( Wife’s Name)मृणालिनी देवी (Mrinalini Devi)

भाई का नाम (Brother’s Name)–  सत्येंद्रनाथ टैगोर (Satyendranath Tagore)

3. रवींद्रनाथ टैगोर पढ़ाई, स्कूल, कॉलेज| Rawindranath Tagore Education, School, College. 

प्रारंभिक शिक्षा-

रवींद्रनाथ टैगोर की पढ़ाई पारंपरिक स्कूलों में नहीं हुई|

उन्होंने घर पर ही संस्कृत, बंगाली और अंग्रेजी की शिक्षा प्राप्त की|

कला, साहित्य और संगीत में उनकी रुचि बचपन से थी|

स्कूली शिक्षा-

पहले ओरिएंटल सेमिनरी स्कूल में दाखिला, लेकिन वहाँ उनका मन नहीं लगा|

इसके बाद सेंट ज़ेवियर स्कूल, कोलकाता में प्रवेश लिया, लेकिन औपचारिक शिक्षा में रुचि नहीं होने के कारण पढ़ाई अधूरी छोड़ दी|

उच्च शिक्षा-

1880 में, 17 साल की उम्र में इंग्लैंड गए|

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में कानून की पढ़ाई शुरू की, लेकिन बीच में ही छोड़ दी।

भारत लौटकर साहित्य, कला और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने का निर्णय लिया|

विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना (1921)

टैगोर ने पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से अलग “शांतिनिकेतन” में विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की|

यहाँ छात्र प्रकृति के करीब, रचनात्मक और स्वतंत्र रूप से सीख सकते थे|

यह विश्वविद्यालय आज भी उनकी शिक्षण पद्धति का उदाहरण हैं|

रवींद्रनाथ टैगोर का शिक्षा दर्शन-

 शिक्षा को स्वतंत्रता, रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता से जोड़ते थे|

वे मानते थे कि सीखना सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होना चाहिए|

 उनका शिक्षण दृष्टिकोण आज भी नई शिक्षा प्रणाली के लिए प्रेरणा हैं|

 

4. रवींद्रनाथ टैगोर व्यवसाय (काम)| Rawindranath Tagore Career.

रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ कवि नहीं थे, बल्कि वे लेखक, संगीतकार, चित्रकार, शिक्षाविद और समाज सुधारक भी थे| उन्होंने साहित्य, कला, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया, जिससे भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान मिली|

साहित्यकार (Poet & Writer)

1913 में गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई लेखक बने|

“काबुलीवाला, घरे-बाइरे, गोरा, चोखेर बाली” जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ और उपन्यास लिखे|

उनकी रचनाएँ मानवीय भावनाओं, प्रकृति और दर्शन से भरपूर होती थीं|

संगीतकार (Musician & Composer)

भारत (जन गण मन) और बांग्लादेश (आमार सोनार बांग्ला) के राष्ट्रगान लिखे|

2000+ से अधिक गीतों की रचना की, जिन्हें “रवींद्र संगीत” कहा जाता है|

उनके गीत प्रेम, देशभक्ति और मानवीय संवेदनाओं से जुड़े हैं|

चित्रकार (Painter & Artist)

 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंटिंग शुरू की|
 उनकी कलाकृतियाँ यूरोप और एशिया में प्रसिद्ध कला प्रदर्शनियों में दिखाई गई|

अमूर्त और अनोखी चित्रकला शैली अपनाई, जो आज भी कला प्रेमियों को आकर्षित करती है|

 शिक्षाविद (Educationist)

1921 में शांतिनिकेतन में “विश्वभारती विश्वविद्यालय” की स्थापना की|

पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से अलग, प्रकृति और रचनात्मकता पर आधारित शिक्षा देने पर जोर दिया|

उनके शिक्षा विचार आज भी आधुनिक शिक्षा प्रणाली को प्रेरित करते हैं|

 समाज सुधारक (Social Reformer)

 महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता के समर्थक थे|

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और ब्रिटिश सरकार की “नाइटहुड” की उपाधि लौटा दी|

समाज में भाईचारे और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया|

5. रवींद्रनाथ टागोर रंग रूप, लम्बाई| Rabindranath Tagore Looks & Appearance.

रवींद्रनाथ टैगोर का लंबा कद, घनी सफेद दाढ़ी और गंभीर आंखें उन्हें एक गरिमामयी और प्रभावशाली व्यक्तित्व प्रदान करती थी|

लम्बाई (Height) – 5 फीट 10 इंच (178 cm)

वजन (Weight) -70 – 75 kg लगभग

बालों का रंग (Hair Color) – सफेद और घने (White & Thick)

आंखों का रंग (Eye Color) – गहरी भूरी (Deep Brown)

त्वचा का रंग (Skin Tone) – गेहुआं (Wheatish)

6. रवींद्रनाथ टागोर की पहली रचनाएं| Rabindranath Tagore’s first writings. 

पहली कविता संग्रह (First Poetry Collection)-
“भानुसिंह ठाकुरेर पदावली” (Bhanusimha Thakurer Padabali) – 1877 (छद्म नाम “भानुसिंह” से प्रकाशित)

पहली कहानी (First Short Story)-
“भिक्षारिणी” (Bhikharini) – 1877 (यह बंगाली भाषा की पहली लघुकथा मानी जाती है)

पहला उपन्यास (First Novel)-
“बौ ठाकुरानीर हाट” (Bou Thakuranir Hat) – 1883

पहला नाटक (First Play)-
“वल्मिकी प्रतिभा” (Valmiki Pratibha) – 1881 (नृत्य-नाटक)

पहला गीत (First Song)-
“निर्झरेर स्वप्नभंग” (Nirjharer Swapnabhanga) – 1882

पहला निबंध (First Essay)-
“हिन्दू मेलार उपकारिता” (Hindu Melar Upakarita) – 1877

7. रवींद्रनाथ टागोर का नॉवल पुरस्कार| Rabindranath Tagore’s Nobel Prize.

रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला| यह सम्मान उन्हें उनकी कालजयी कृति “गीतांजलि” के लिए दिया गया, जिसमें आध्यात्मिकता, मानवता और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता हैं|

टैगोर जी ने नोबेल पुरस्कार जीतकर भारतीय साहित्य को वैश्विक पहचान दिलाई|

उनकी कविताएँ और रचनाएँ भावनाओं, दर्शन और मानवता की गहरी समझ को दर्शाती हैं|

वे भारत और बांग्लादेश, दोनों के राष्ट्रीय गान के रचयिता भी हैं|

टैगोर की लेखनी आज भी दुनिया भर में प्रेरणा देती हैं|

8. रवींद्रनाथ टैगोर की मृत्यु| Rawindranath Tagore Death. 

महान कवि, दार्शनिक और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त 1941 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में हुआ। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और 80 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। अपने जीवन के अंतिम दिनों में भी वे साहित्य और काव्य सृजन में सक्रिय रहे| उनकी रचनाएँ दर्द, मृत्यु और आत्मा की शांति को दर्शाती हैं|

टैगोर जी की मृत्यु को कई लोग “ब्रह्मलीन होना” मानते हैं, क्योंकि वे जीवन और मृत्यु को एक आध्यात्मिक यात्रा के रूप में देखते थे| उनकी अद्भुत साहित्यिक विरासत आज भी जीवंत है और दुनिया भर में लोगों को प्रेरित करती हैं|

निष्कर्ष:-

रवींद्रनाथ टैगोर केवल एक कवि नहीं, बल्कि महान साहित्यकार, संगीतकार, दार्शनिक और समाज सुधारक थे| उनकी रचनाएँ प्रेम, प्रकृति और मानवता की गहरी समझ को दर्शाती हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं|

वे भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे और उनके लिखे गीत भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रीय गान बने| उनकी शिक्षा और समाज सुधार की सोच ने भारत की नई पीढ़ी को एक नया मार्ग दिखाया||टैगोर की लेखनी अमर है, और उनकी रचनाएँ आज भी हमें जीवन का नया दृष्टिकोण देती हैं|

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